Panchtantra Ki Kahaniyan

 Panchtantra Ki Kahaniyan


Panchtantra Ki Kahaniyan प्यासे कौवे की कहानी
जीवन में अच्छी चीजों की ओर बढ़ने की प्रेरणा मौजूद होती है । पांच भागों में बंटी पंचतंत्र की कहानियां ही हैं, जो दोस्ती की अहमियत, व्यवहारिकता व नेतृत्व जैसी अहम बातों को सरल और आसान शब्दों में बच्चों तक पहुंचा कर उन पर गहरी छाप छोड़ जाती हैं ।

शायद यही वजह है कि अक्सर बचपन में सुनी कहानियां और उनकी सीख जीवन के अहम पड़ाव में मार्ग दर्शक के रूप में भी काम कर जाती हैं । हम कौआ- उल्लू के बीच का बैर, दोस्ती- दुश्मनी, दोस्तों के होने का लाभ, कर्म न करने से होने वाली हानि, हड़बड़ी में कदम उठाने से होने वाले नुकसान जैसी कई पंचतंत्र की कहानियां आप तक इस प्लेटफॉर्म के जरिए लेकर आ रहे हैं ।

आप इन कहानियों के माध्यम से बच्चों को खुशी देने और उनका मन बहलाने के साथ ही उनके अंदर नैतिकता व सदाचार के भाव को पहुंचा सकते हैं । तो देर किस बात की, अपने बच्चों को ये शिक्षाप्रद कहानियां सुनाते हुए अपने बचपन में खो जाइए ।

प्यासे कौवे की कहानी


प्यासे कौवे की कहानी
प्यासे कौवे की कहानी


एक बार की बात है, एक प्यासा कौआ पानी की तलाश में उड़ रहा था। एक लंबी और थका देने वाली यात्रा के बाद, आखिरकार कौवे को एक बर्तन मिला जिसके तल में थोड़ा सा पानी था। हालाँकि, कौवे तक पहुँचने के लिए पानी का स्तर बहुत कम था।


चतुर कौवे ने हार नहीं मानी। उसने एक-एक करके छोटे-छोटे कंकड़ बर्तन में गिराना शुरू कर दिया। जैसे-जैसे कौवे ने कंकड़-पत्थर गिराना जारी रखा, पानी का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता गया, जिससे कौवे को अपनी प्यास बुझाने का मौका मिला।


इस कहानी का उपयोग अक्सर यह नैतिक पाठ पढ़ाने के लिए किया जाता है कि बुद्धिमत्ता और साधन संपन्नता से चुनौतियों पर काबू पाया जा सकता है। अपनी समस्या का समाधान खोजने में कौवे की चतुराई का उद्देश्य श्रोताओं में रचनात्मकता और समस्या-समाधान कौशल को प्रेरित करना है।


यदि आपके पास कोई विशिष्ट प्रश्न है या कुछ और है जो आप जानना चाहते हैं, तो बेझिझक पूछें!





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